इसका भी मुख ढका है
उनका भी मुख ढका था
ये लोगो से छुप रही है
वो लोगो में छुप रहीं थी
इसे कल जो चाहते थे
उन्हें आज पूजते हैं
ये किसी की बहिन-बेटी
वो सबकी देवी माता
इसे कल भुला दिया था
उन्हे कल भुला ही देंगे
हमारे पाप का विसर्जन
दोनों पे हो रहा है ...
ये जल के पिघल गयी थी
वो जल में पिघल रहीं हैं
उनका भी मुख ढका था
ये लोगो से छुप रही है
वो लोगो में छुप रहीं थी
इसे कल जो चाहते थे
उन्हें आज पूजते हैं
ये किसी की बहिन-बेटी
वो सबकी देवी माता
इसे कल भुला दिया था
उन्हे कल भुला ही देंगे
हमारे पाप का विसर्जन
दोनों पे हो रहा है ...
ये जल के पिघल गयी थी
वो जल में पिघल रहीं हैं
This is the sad reality of our society today.
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